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चिलचिलाती धूप,पछुआ के झोंके,जीव-जन्तु हल्कान



भाटपार रानी देवरिया। अप्रैल की तपन, झुलसाती लू,पछुआ के झोंके,लग्न का मौसम, इन्सान कैसे रुके? मिशन ग्रामोदय के संचालक जगरनाथ यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु पशु पक्षियों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। तपिश से बचने और जीव जन्तुओं के बचाव हेतु जगह जगह जल प्रबन्धन की अपील किए। उन्होंने कहा कि -
*लहरे पछुआ, कसके घाम,*
*तपे दुपहरी, जरता चाम*,
*बरसे अग्नि चइत हअ नाम*
दोपहर में कड़कती, चिलचिलाती धूप और चेहरे को झुलसाने वाली हवा ने मनुष्य क्या,जीव जंतुओं के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। लोग बाहर निकलने से कतराने लगे हैं, क्योंकि दो दिन से देखने को मिल रहा है कि धूप की तपिश के शिकार लोग बिमारियों के शिकार होने लगे हैं। लोग अपने घरों में दुबकने लगे हैं ताकि सेहत को कोई दिक्कत न हो। वहीं पशु पक्षी, जीव जंतुओं को भी तपिश की मार झेलनी पड़ रही है। पानी की तलाश में पशु पक्षी हलकान हो रहे हैं। कहीं कहीं देखने को मिल रहा है कि लोग सड़कों के किनारे प्याऊं की व्यवस्था करने लगे हैं। कुछ जीव प्रेमी पक्षियों के लिए अपने छतों पर पानी रखकर तपन से जीवों को बचाने की कोशिश में लगे हैं।

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